माता-पिता एवं विद्यार्थियों को अनुदेश एवं निर्देश

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माता-पिता को अनुदेश

प्रत्येक शिशु का प्रथम विद्यालय उसका घर, उसके माता-पिता का गोद ही पहला विद्यालय परिवेश होता है और माता-पिता ही उसके प्रथम शिक्षक होते हैं। शिशु के शिक्षा क्षेत्र में माता-पिता का स्थान अनिर्वचनीय है।

1. सभी माता-पिता /अभिभावक अपने बच्चों को अनुशासित रखकर नियमित रूप से विद्यालय भेजें। सभी कार्य-कलापों में सक्रिय भूमिका निभाने को सहयोग प्रदान करें।
2. इसके साथ ही साथ यह भी ध्यान रखे कि आपका बच्चा ठीक से प्रति दिन गृह-कार्य करते हैं।
3. प्रत्येक अभिभावक विद्यालय की समय-सारणी की जानकारी रखें एवं उसी के अनुसार विद्यालय में भेजे।
4. अभिभावकों से अपेक्षा की जाति है कि वे प्रति-दिन बच्चों की कॉपी जाँच करें और यदि शिक्षक द्वारा कोई भी सूचना दी गई हो तो उसे पढ़ कर अवश्य हस्ताक्षर करें।
5. छात्र की प्रकृति के बारे में प्रधानाचार्य से परामर्श लें।
6. गृह-कार्य, कक्षा-कार्य पूरा न करने वाले छात्रों को संस्था से निष्कासित कर दिया जायेगा। पुनः नामांकन नहीं होगा।
7. विद्यालय अवधि में छात्रों से मिलने की अनुमति नहीं है। नास्ता, भोजन इत्यादि केवल मध्यावकाश के समय ही दिया जा सकता है।
8. पैरेन्ट-टीचर मीटिंग(पी. टी. एम.) के निर्धारित दिनों में माता-पिता को अपने बच्चों के साथ आना अनिवार्य है। साथ में अपने बच्चों को स्कूल गणवेश एवं स्कूल डायरी के साथ लाये।
9. अनुशिक्षित ( प्राइवेट ट्युशन) को प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है। इसके बदले सभी अभिभावक बच्चों के पढ़ाई में व्यक्तिगत रूप से ध्यान देकर जहां तक सम्भव हो सके उनकी सहायता करने का कष्ट करें। 10. विद्यालय द्वारा दी गई सूचना का प्रतिउŸार एक सप्ताह के अन्दर न होने पर छात्र का नाम काट दिया जायेगा।
11. अभिभावकों के शिकायत/सुझाव/प्रार्थना पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जायेगा। परन्तु प्रधानाचार्य या किसी भी स्टाफ के साथ अभद्र/असभ्य व्यवहार करने के दशा में छात्र या अभिभावक/परिवार के लोगों को विद्यालय में स्थान नहीं मिलेगा।
12. विद्यालय परिसर के बाद विद्यार्थियों के साथ किसी भी प्रकार की घटना के लिए विद्यालय जिम्मेदार नहीं होगा।



विद्यार्थियों को निर्देश

1. विद्यार्थियों को प्रत्येक दिन स्टुडेन्ट डायरी/स्कूल डायरी लाना अनिवार्य है।
2. प्रत्येक विद्यार्थी को स्कूल के सम्पूर्ण नियमों का पालन कर अनुशासित रहना होगा। अध्ययन काल में अनुशासित रहना विद्यार्थियों का परम कर्तव्य है। शान्त वातावरण में ही गम्भीर अध्ययन सम्भव है। सद्व्यवहार, माता-पिता एवं गुरूजनों का आदर करना ईमानदारी तथा सच्चाई का बर्ताव रखना विद्यार्थी का पुनीत कर्तव्य है। छात्रों को यह याद रखना चाहिए कि उनका नेक चरित्र एवं अनुशासन ही विद्यालय का स्वरूप एवं मापदण्ड है।
3. सदैव स्वच्छ एवं साफ-सुथरे गणवेश पहनकर विद्यालय आयें तथा विद्यालय प्रांगण स्वच्छ रखने में सहयोग करें। विद्यालय के कार्य दिवस के अतिरिक्त भी विद्यार्थियों को पूर्ण गणवेश में आना अनिवार्य है।
4. General Assembly के पूर्व पहली घण्टी बजने पर सभी छात्र-छात्राओं को अपने जगह पर मौन रूप से खड़ा होना अनिवार्य है, दूसरी घण्टी बजने पर प्रार्थना स्थल पर पंक्तिबद्ध शान्ति पूर्वक जायेंगे।
5. विद्यालय की सम्पत्ति की सुरक्षा करना हर छात्र-छात्रा का उत्तरदायित्वा है। किसी भी चीज की क्षति या तोड़-फोड़ करने पर दण्डित मूल्य देना होगा।
6. सभी छात्रों को अपनी प्रत्येक वस्तु पर विशेष ध्यान देना होगा। उसके खो जाने पर विद्यालय प्रशासन उत्तरदायी नहीं होगा।
7. रद्दी कागज, जूठन आदि चीजें इधर-उधर न फेंक कर कुड़ादान में ही डालना होगा।
8. शिक्षक कक्ष (स्टाफ रूम) तथा दूसरे कक्षाओं में बिना आदेश के छात्रों को प्रवेश निषेध है।
9. प्रधानाचार्य की अनुमति के बिना कोई छात्र/छात्रा विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जा सकता है। इसके उल्लंघन करने पर पुनः कक्षा में बैठने के लिए माता-पिता /अभिभावक का पत्र प्रस्तुत करना होगा।
10. प्रत्येक छात्र को प्रतिदिन समय से विद्यालय उपस्थित होना आवश्यक है। कक्षोन्नति, परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए छात्र की कम से कम 80 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
11. कोई भी छात्र-छात्रा विद्यालय में उपस्थित होने के उपरान्त यदि घण्टी में उपस्थित नहीं होता है तो उसे विशेष रूप से 50 रूव्म् का अर्थ दण्ड देना होगा। इसके अतिरिक्त कोई भी छात्र-छात्रा अनुशासन के विरूद्ध कार्य करता है तो उसके अपराध में प्रकृति और गुरूता के अनुसार अर्थ दण्ड, निलम्बन, या विद्यालय से निष्कासित भी किया जा सकता है।
12. अनुशासनहीनता या उद्ण्डता करने वाले छात्रों को निष्कासित किये जाने पर विद्यालय में पुनः प्रवेश नहीं होगा।
13. अनुशासनहीनता विद्यालय के नियमों के विरूद्ध पाये जाने की स्थिति में दण्डात्मक कार्यवाही के रूप में छात्र-छात्रा को आपातकालीन के लिए विद्यालय प्रवेश से वंचित किया जा सकता है। कार्यवाही के प्रक्रिया में सम्बन्धित स्थिति की स्पष्टीकरण देने हेतु माता-पिता को स्वयं विद्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है।
14. विद्यालय में आवश्यक पठन-पाठन सामग्री के अतिरिक्त अन्य अमान्य/वर्जित सामग्री विद्यालय में लाने के स्थिति में दण्डात्मक कार्यवाही के रूप में जप्त किये गये सामग्री कदापि वापस नहीं होगी। सम्बन्धित स्थिति गम्भीर होने के स्थिति में छात्र-छात्रा को विद्यालय से निष्कासित कर दिया जाएगा।
15. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अवकाश के लिए प्रधानाचार्य से लिखित प्रार्थना पत्र स्वीकृत कराना आवश्यक है।
16. लगातार 15 दिन तक अनुपस्थित रहने पर छात्र का नाम निरस्त कर दिया जाएगा। पुनः प्रवेश हेतु निर्धारित शुल्क जमा करना होगा।
17. सभी छात्र-छात्राओं को सह पाठ्य-क्रम के अतिरिक्त प्रार्थना सभा, आम सभा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेल-कूदों तथा अन्य पाठ्य सहगामी क्रियाओं में भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। इससे कोई भी छात्र वंचित नहीं रह सकेगा।
18. अपने आचरण एवं बोली में विनम्रता बरतें। सबके प्रति विनम्र एवं दयालु बनें। माता-पिता तथा गुरूजनों का आदर करें।
19. कक्षा में अध्यापक के आने तक सभी छात्र अपनी स्थान पर खड़े रहेंगें, अध्यापक का 5 मिनट तक इन्तजार करने के पश्चात् मॉनिटर प्रधानाचार्य को सूचित करेंगे। कक्षा संचालन के समय कोई भी छात्र-छात्रा बरामदे या प्रांगण में बिना किसी कारण घूमना वर्जित है। कक्षा परिवर्तन एवं प्रयोगशाला जाते समय शान्त एवं पंक्तिवद्ध होकर जायें।
20. स्कूल लीडर, जनरल सेक्रेटरी एवं हाउस कैप्टनस के चुनाव उनके स्वभाव, चरित्र एवं प्रकृति को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा।
21. सत्र के प्रारम्भ में कक्षा-अध्यापक, प्रधानाचार्य की अनुमति से सच्चरित्र, सद्गुणी, मेधावी छात्र/छात्राओं को कक्षा मॉनिटर का चुनाव करेंगे।
22. पाठ्य-पुस्तक/पाठ्य-सामग्री के अतिरिक्त कोई भी छात्र ट्रांजिस्टर, रेडियो, मोबाइल, पैकेट-बुक, पत्रिका, कॉमिक्स आदि वस्तुएं विद्यालय में नहीं लायेंगे।
23. विद्यालय का नाम ऊँचा करने के लिए छात्रों को अपने चारित्रिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक क्रिया-कलापों एवं खेल-कूद आदि का प्रर्दशन कर प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
24. परीक्षा में नकल या अनुचित साधन का प्रयोग करने वाले छात्रों का परीक्षा-फल प्रधानाचार्य के अधीन होगा।
25. प्रत्युतर/विवरण (रिमार्क्स) आदि अभिभावक द्वारा लिखकर स्व-हस्ताक्षर कर डायरी विद्यालय में जमा करनी होगी।
26. परिषदीय परीक्षाओं में त्रुटियों के सुधार हेतु विद्यालय द्वारा संस्तुति पत्र जारी होने पर अभिभावक को स्वयं सुधार हेतु परिषद कार्यालय में जाना होगा।
27. कक्षा 10 और 12 के सभी विद्यार्थियों के मार्च माह तक का शुल्क दिसम्बर महीने के अन्त तक जमा करना अनिवार्य है।
28. विद्यालय में होने वाले परीक्षाओं में सम्मिलित होने हेतु प्रत्येक विद्यार्थी के पास प्रवेश-पत्र होना अनिवार्य है।
29. प्रत्येक विद्यार्थी को अपने समस्त विषयों के कॉपी को सम्बन्धित-अध्यापक से चेक कराना अनिवार्य है।
30. कक्षा 10 एवं कक्षा 12 के सभी विद्यार्थियों को विद्यालय द्वारा कराये जाने वाले प्री-बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य है।
31. कक्षा 11 व 12 (विज्ञान वर्ग) के समस्त छात्र-छात्राओं के लिए प्रयोगशाला हेतु ‘‘सफेद ऐप्रिन’’ पहनना अनिवार्य है।
32. प्रत्येक छात्र-छात्रा के पास विद्यालय समय में विद्यालयी गणवेश के साथ-साथ स्कूल डायरी होना नितान्त आवश्यक है।
33. विद्यालय छात्र/छात्राओं को मोटरसाईकिल से आने के लिए प्रोत्साहित नही करता है।